Biography of Surdas in Hindi
सॊत सूयदास के जीवन के फाये भें अल्ऩ जानकायी (उसकी ततथथ औय जन्भ की
तायीखें वास्तव भें फहुत स्ऩष्ट नहीॊ हैं), भध्ममुगीन बगवान कृष्ण के साथ जुडे बूमभ ब्रज के कवव गामक है . उनकी यचनाओॊ ब्रज बाषा भें हहॊदी की एक फोरी है कक सभम ऩय कच्चे भाना जाता
था. 'सूयदास काभ कयता है एक साहहत्यमक त्स्थतत इस फोरी की स्थाऩना के साथ श्रेम उन के कुछ कय यहे हैं.
सूयदास गयीफ भाता वऩता के
मरए अॊधा ऩैदा हुआ था औय इस वजह से वह उऩेऺा औय दरु ु ऩमोग के मिकाय था. वह 6 की तनववदा उम्र भें घय छोड हदमा.
सूयदास जीवन की सफसे फडी आिीवााद आमा जफ श्री वल्रबाचामा, Shuddhadvaita भनामा
प्रततऩादक.Pushti भागा के रूऩ भें बी जाना जाता है , उसे अऩने मिष्म के रूऩ भें स्वीकाय ककए जाते हैं. उन्होंने अऩने मिऺक से हहन्द ू दिान का ऻान प्राप्त ककमा. उन्होंने श्रीभद बागवत औय सॊस्कृत भें अन्म बजन कॊठस्थ.
वह उयतभ कववता भें कृष्ण के जीवन, वविेष रूऩ से फच्चे कृष्ण, जैसे ज्वरॊत ववस्ताय भें थचत्रित है
कक वह ककसी बी सॊत कवव मा द्वाया ककमा गमा फयाफयी नहीॊ है , कामरदास बी नहीॊ फचऩन का वणान कयने भें . मह कैसे एक अॊधे कवव ऐसे सावधानीऩूवक ा औय यॊ गीन ववस्ताय भें भॊच द्वाया कृष्ण के फचऩन, चयण
थचत्रित सकता साहहयम के स्थानों भें चभयकाय की एक है . कृष्ण अऩनी ऩहरी दाॉत काटने, अऩने ऩहरे
िब्द के फोरे, उसकी ऩहरी फेफस कदभ उठा, सयू दास के मरए सबी अवसयों के मरए प्रेरयत गाने जो बी इस हदन के मरए गामा जाता है , घयों के सैकडों की सॊख्मा भें भाताओॊ जो अऩने भें फच्चे कृष्ण दे खें द्वाया, यचना अऩने फच्चों को.
प्माय है कक एक फच्चे के रूऩ भें ककमा गमा था उसे इनकाय कय हदमा, प्माय है कक फारा गोऩारा ऩय ब्रज भें Yashoda, Nandagopa, gopis औय Gopas फौछाय अऩने गीतों के भाध्मभ से फहती है . सयू दास भनोयॊ जन रेककन कबी िाश्वत प्रेभी िादी के ककसी बी ववचाय श्री कृष्ण भें दे खा औय वह याधा औय कृष्ण के फीच ईथय प्माय अनूठा आकषाण व्मत्तत की आयभा oversoul के मरए मा Paramatma मरए Jivatma के रूऩ भें प्माय दिाामा.
उनका काभ भुख्म रूऩ से तीन प्रभुख सॊकरन, सुय Saravali, साहहयम राहहडी औय सुय - सागय के होते हैं. Saravali के मरए है भाना जाता है
एक सौ हजाय छॊ द भूर रेककन कई हभेिा के मरए खो हदमा है . मह होरी के यमोहाय के सादृश्म के
आधाय ऩय, अबी तक यमोहायों के सभम की सफसे रोकवप्रम, औय हभेिा अऩने दे वी चरामें के बाग के रूऩ भें कृष्ण के साथ जुड.े भहान कथा कववता होने के अरावा वे बी अतीत के फाये भें जानकायी के भहयवऩूणा स्रोतों.
साहहयम राहहडी भाना जाता है काव्मगत सॊयचना के ववमबन्न रूऩों, बत्तत के साथ भख् ु म रूऩ से तनऩटने का एक ग्रॊथ है .
सयु - सागय अऩनी कृतत, 'सभद्र ु ीम काभ' के रूऩ भें अऩना नाभ इॊथगत कयता है औय उसके सफ काभ कयता है के सफसे प्रबाविारी औय भहयवऩण ू ा फनी हुई है . मह ववस्ताय भें कृष्ण के जीवन के साथ सौदों.
उनकी प्रमसवि ववस्तत ृ पैर गमा था हाराॊकक वह अऩने ऩैतक ृ बमू भ कबी नहीॊ छोडा है , महाॊ तक कक भुगर फादिाह अकफय ने उसे श्रिाॊजमर अवऩात की.